ऋषिकेश : खदरी खड़क माफ के वार्ड नंबर 6 निवासी रणजीत सिंह के घर में सांप निकल आने से हड़कम्प मच गया।सांप की सूचना स्थानीय निवासी पर्यावरण विद एवं समाजसेवी विनोद प्रसाद जुगलान को दी गई। सूचना का तत्काल संज्ञान लेते हुए वन्यजीव प्रेमी विनोद जुगलान मौके पर पहुंचे तो सांप बड़ी फुर्ती से रसोई घर के समीप में तोरी की बेल में छिपने लगा। कड़ी मेहनत के बाद जुगलान ने सांप को पकड़ने में सफलता हासिल की। वन्यजीव प्रेमी पर्यावरण विद विनोद जुगलान ने बताया कि यह दुनियां के सबसे विषैले सांप की एक दुर्लभ प्रजाति रसैल वाइपर है।हैरानी की बात यह है कि यह इंडियन रॉक पायथन (अजगर) की तरह ही दिखाई देता है।इसकी पहचान करना आसान नहीं होता लेकिन इसके फुर्तीले होने के परिणाम स्वरूप इसकी पहचान की जा सकती है।अजगर विषैला और ज्यादा फुर्तीला नहीं होता है।जबकि रसैल वाइपर विषैला और अत्यधिक फुर्तीला होता है।यह दुर्लभ और संरक्षित प्रजाति में आता है।उन्होंने बताया कि इसकी उम्र दो से तीन साल के लगभग है।रेस्क्यू के बाद विषैले सांप को निकटवर्ती राजाजी नेशनल पार्क की सीमा में सुरक्षित प्राकृतिक सुवास में छोड़ दिया गया। वन्य जीव संरक्षण के लिए वन क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश गम्भीर सिंह धमांदा ने फोन कर पर्यावरणविद का आभार व्यक्त किया। मौके पर हीरा देवी, पिंकी देवी,अभय सिंह, राय सिंह भंडारी, छोटन सिंह, सुभाष सिंह, विकास सिंह महावीर सिंह मौजूद थे।
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