- घटना ने सामाजिक जागरूकता और मानसिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर भी सवाल खड़े किए हैं
पुलिस के अनुसार, नंदानगर थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली इस विधवा महिला के पति की कई साल पहले मृत्यु हो चुकी थी. महिला के तीन अन्य बच्चे भी हैं और वह उनके साथ गांव में रहती थी. हाल ही में उसने एक बच्ची को जन्म दिया, लेकिन सामाजिक बदनामी के डर से उसने नवजात को जीवित ही गोबर के ढेर में दफना दिया. गांव की कुछ महिलाओं को महिला के व्यवहार पर संदेह हुआ, जिसके बाद उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और महिला से पूछताछ शुरू की.पूछताछ के दौरान महिला ने अपना अपराध कबूल कर लिया और बताया कि उसने बच्ची को गोबर के ढेर में दफनाया था. पुलिस ने उसकी निशानदेही पर पास के गोबर के ढेर से नवजात बच्ची का शव बरामद किया. शव को पोस्टमार्टम के लिए गोपेश्वर जिला अस्पताल भेज दिया गया है. पुलिस अब बच्ची के पिता की तलाश में जुट गई है, लेकिन महिला इस बारे में कोई जानकारी देने से इनकार कर रही है. ग्रामीणों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि एक मां अपनी नवजात बच्ची के साथ ऐसा क्रूर व्यवहार कैसे कर सकती है ? पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि महिला ने यह कदम क्यों उठाया. पुलिस ने महिला के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और आगे की जांच जारी है।
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