किराना दुकानों पर संकट: ब्लिंकिट-जेप्टो के बढ़ते दबाव के खिलाफ बीजेपी प्रकोष्ठ ने उठाया आवाज

ऋषिकेश निवासी  बीजेपी खेल प्रकोष्ट के प्रदेश स संयोजक पंकज भट्ट ने -छोटे किराना  व्यापारी भाइयो के हितों में boycott blin kit की मुहिम शुरू की है. पंकज का कहना है,   ब्लिंकिट, जेप्टो, इंस्टामार्ट जैसे क्विक कॉमर्स ऐप्स से किराना दुकानदारों पर संकट आ पड़ा है. इसे  एक गहराता व्यापारिक संकट बताया.  भारत में क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स जैसे ब्लिंकिट, जेप्टो, इंस्टामार्ट और बिगबास्केट की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता ने पारंपरिक किराना दुकानों के अस्तित्व पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं। इन ऐप्स की सुविधाजनक और त्वरित डिलीवरी सेवाएं उपभोक्ताओं को आकर्षित कर रही हैं, जिससे स्थानीय दुकानदारों की बिक्री में उल्लेखनीय गिरावट देखी जा रही है।
किराना दुकानों पर पड़ता प्रभाव-
 • बिक्री में गिरावट: एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 46% उपभोक्ताओं ने क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के उपयोग के बाद अपने किराना दुकानों से खरीदारी में कमी की है। इससे 2024 में किराना दुकानों की बिक्री में $1.28 बिलियन की कमी का अनुमान है।  
 • दुकानों का बंद होना: पिछले वर्ष में लगभग 2 लाख किराना दुकानों को बंद करना पड़ा है, जिनमें से 90,000 मेट्रो शहरों में थीं।  
 • उधारी और स्टॉक की समस्या: बिक्री में गिरावट के कारण दुकानदारों के पास अधिक मात्रा में बिना बिके स्टॉक जमा हो गया है, जिससे वितरकों को भुगतान में देरी हो रही है।
क्विक कॉमर्स की बढ़ती ताकत
 • उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव: क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स की त्वरित डिलीवरी सेवाएं और आकर्षक छूट उपभोक्ताओं को पारंपरिक दुकानों से हटाकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की ओर आकर्षित कर रही हैं।
 • बाजार में हिस्सेदारी: ब्लिंकिट, इंस्टामार्ट और जेप्टो जैसे प्लेटफॉर्म्स ने मिलकर क्विक कॉमर्स बाजार में लगभग 95% हिस्सेदारी हासिल कर ली है।पंकज भट्ट ने राज्य के किराना दुकानदारों के हित में राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वह ब्लिंकिट, जेप्टो, इंस्टामार्ट और बिगबास्केट जैसे क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स की अनियंत्रित वृद्धि पर रोक लगाए, जिससे पारंपरिक किराना दुकानों को राहत मिल सके।

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