देहरादून: उत्तराखंड में कई घरों में बर्बाद कर चुका LUCC घोटाला में अब सरकार हरकत में आ गयी है. पुलिस ने रिपोर्ट बनाकर शासन को सौंप दी है. अब हलचल बताया जा रहा है तेज हो गयी है. आपको बता दें, अनुमान लगाया जा रहा है, अब तक का यह उत्तराखंड में सबसे बड़े फ्रॉड के रूप में LUCC चिट फंड घोटाला सामने आया है. अब राज्य सरकार सीबीआई को जांच सौंपने की तैयारी कर रही है. राज्य में सबसे ज्यादा महिलाओं को ठगा है. कई घर बर्बादी की कगार पर हैं. लोगों ने अपने खून पसीने की कमाई लगाईं थी. लेकिन इसके मालिकान, एजेंट डकार गए करोड़ों रुपये. राज्य में इस मामले में १३ मुकदमे दर्ज हैं अलग अलग जहों पर. नैनीताल हाईकोर्ट में भी यह मामला चल रहा है. कोर्ट ने सरकार से बाकायदा इस मामले में जवाब दाखिल करने को कहा था.
जिसमें पौड़ी, देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग में १३ मामले दर्ज हैं. जिसमें से उत्तरकाशी में १, रुद्रप्रयाग में २ देहरादून में २ टिहरी में ४ और पौड़ी में ४ और देहरादून में ४ मुकदमे दर्ज हैं. १० लोगों की गिरफ़्तारी भी इस मामले में पौड़ी पुलिस कर चुकी है. कई और गिरफ्तारियां आने वाले दिनों में हो सकती हैं. LUCC यानी लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट थ्रिफ्ट कोआपरेटिव सोसाइटी ने दूर-दराज़ के क्षेत्रों में अपना जाल बिछाया. लोन देने और डबल रिटर्न का लालच देकर हजारों लोगों से करोड़ों की ठगी की गई. शुरुआत में कुछ निवेशकों को मुनाफा देकर भरोसा जीतने वाली कंपनी ने बाद में स्थानीय एजेंट बनाए. इन एजेंटों के ज़रिए बड़े स्तर पर निवेश कराया गया. जब पैसा करोड़ों में पहुंचा तो कंपनी फरार हो गयी. इसका एक मुख्य मालिक दुबई में बताया जा रहा है. देश भर की बात करें तो ७० से ज्यादा मुकदमे बताये जा रहे हैं LUCC के मालिकों के खिलाफ दर्ज हैं. अब अन्य राज्यों से आ रही शिकायतों के बाद सीबीआई को इसकी जांच सौंपने की तैयारी है. जगह जगह प्रदर्शन प्रतिदिन देखने को मिले रहे हैं. इस तरह की चिट फंड कम्पनियाँ गली मोहल्लों में खुल रही हैं या खुली हुई है, सवाल यह उठता है इनको कौन रोके ? सरकार इन पर क्योँ एक्शन ले रही है ?
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