दून पुस्तकालय में बही शास्त्रीय संगीत की बयार
देहराइन,20 जून, 2025, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र और संगीतांजलि शास्त्रीय संगीत समिति के संयुक्त तत्वावधान में शास्त्रीय संगीत संध्या का एक शानदार आयोजन केंद्र के सभागार में किया गया। कार्यक्रम में कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का प्रारम्भ दीप प्रज्वलन से किया गया. दीप प्रज्ज्वलन में निकोलस हॉफलैंड, संगीतांजलि के संरक्षक डॉ. डी. पी. जुयाल, अध्यक्ष सुनीत अग्रवाल, उपाध्यक्ष ज्ञान प्रकाश गुप्ता सचिव देवेन्द्र कांड पाल और केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी शामिल रहे.
गायिका कविता जिन्दे गर्ग ने पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से एमए और स्वर संगीत में प्रवीण, यूजीसी नेट उत्तीर्ण किया हुआ है. वर्तमान में अस्पताल केंद्रीय विद्यालय आईएमए, देहरादून में कार्यरत हैं.
श्री धर्मेन्द्र कुमार मिश्रा खैरागढ़ विश्व विश्वविद्यालय से गायन एवं सारंगी की में एम. ए. की उपाधि प्राप्त की है। आपने गायन की शिक्षा पं विकास गंगाधर तैलंग जी से व सांरगी की शिक्षा पिता पं श्री सोहन लाल मिश्राजी से प्राप्त की है. वर्तमान में ये भातखण्डे विश्व विद्यालय में सांरगी के पद पर कार्यरत है। पंडित धर्मेंद्र कुमार मिश्रा का संबंध आजमगढ़ के हरिहरपुर घराना से है.इन्होने प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता व सोहन लाल मिश्रजी से ली है. बाद में इन्होंने बनारस घराने से शिक्षा प्राप्त की इन्होने कई देशी विदेशी कार्यक्रमों में भी शिरकत की है. ये गायन के साथ ही सारंगी के बहुत ज्ञाता भी है. उत्तराखंड के यह युवा सारंगी वादक कलाकार हैं.
रविन्द्रनाथ मिश्र पं. रविन्द्रनाथ मिश्र जी ने बचपन से अपने गुरु भोलानाथ मिश्र से संगीत की शिक्षा प्राप्त किया. पं. रविन्द्र नाथ मिश्र बनारस लखनऊ, शिमला, दिल्ली, कलकत्ता लादि शहरो में से रेडियो, दूरदर्शन आदि में कार्यक्रम करते रहे है. 2009 से पं. जी भातखण्डे संगीत महाविद्यालय देहरादून में कार्यरत है।
आज के इस संगीत कार्यक्रम में हारमोनियम पर धर्मेन्द्र कुमार मिश्रा एवं तबले पर रविन्द्र नाथ मिश्रा ने जोरदार संगत की। संचालन डॉ. वी. के. डोभाल नेकिया। इस संगीत संध्या को सफल बनाने में संगीतांजलि संस्था के सचिव देवेन्द्र कांडपाल की विशेष भूमिका रही ।
कार्यक्रम में श्री डी पी जुयाल, सुनीत अग्रवाल, लालता प्रस्ड, बद्रीश छाबड़ा,ज्ञान प्रकाश गुप्ता, जागृति डोभाल, इंद्र, सोहन सिंह रजवार, महावीर सिंह रावत, डॉ विजय शंकर शुक्ला, कुलदीप बुटोला, लालता प्रसाद,कुलभूषण नैथानी, पसबोला, हिमांशु आहूजा, चन्द्रशेखर तिवारी, सुन्दर सिंह बिष्ट, डी. के अरोरा, पुष्पलता ममगाईं, देवेंद्र कांडपाल सहित कई संगीतज्ञ,संगीत प्रेमी, लेखक व रंगकर्मी उपस्थित रहे।
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