शासन और साधना का मिलन: स्वामी चिदानंद ने कहा- ‘जल-जंगल बचाने के लिए प्रशासन और संतों को साथ आना होगा

  • स्वामी चिदानन्द सरस्वती  से भेंट कर विभिन्न समसामयिक विषयों पर हुई सार्थक चर्चा
ऋषिकेश :  परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में आज गुजरात राज्य के  चीफ सेक्रेटरी  जेपी गुप्ता  का सपरिवार आगमन हुआ। इस अवसर पर उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष, स्वामी चिदानन्द सरस्वती  से भेंट कर विभिन्न समसामयिक, सामाजिक व पर्यावरणीय विषयों पर विस्तृत चर्चा की।स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने  गुप्ता  को गंगा तट पर आयोजित दिव्य आरती में आमंत्रित करते हुये कहा कि आज भारत को ऐसे समर्पित और दूरदर्शी प्रशासकों की आवश्यकता है, जो आध्यात्मिक मूल्यों और सतत विकास को साथ लेकर आगे बढ सकें।इस भेंट के दौरान नदियों के संरक्षण, स्वच्छता अभियान, सतत विकास, जल स्रोतों के पुनर्जीवन, हरित भारत अभियान, पर्यावरणीय चेतना और युवाओं में नैतिक मूल्यों के संवर्धन जैसे विषयों पर सार्थक संवाद हुआ।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने कहा कि आज आवश्यकता है कि शासन और साधना साथ मिलकर राष्ट्र सेवा करें। उन्होंने कहा कि धार्मिक संस्थाओं और प्रशासनिक तंत्र के सहयोग से जल, जंगल और जीवन की रक्षा की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा सकते हैं। जल और जंगल हमारे जीवन के मूल हैं। जब तक हम इन्हें बचाकर नहीं रखेंगे, तब तक मानवता का भविष्य सुरक्षित नहीं हो सकता। शासन, समाज और संत यदि पर्यावरण संरक्षण के लिये एक मंच पर आ जाएं, तो सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।इस पर  जेपी गुप्ता  ने कहा कि आज का युग पर्यावरणीय आपदाओं और सामाजिक विषमताओं का है, और ऐसे समय में परमार्थ निकेतन जैसे संस्थान समाज को एक नई दिशा देने का कार्य कर रहे हैं। यहां की ऊर्जा, संकल्प और सेवा भाव अनुकरणीय है।स्वामी  ने उन्हें हरित उपहार स्वरूप रुद्राक्ष का पौधा भेंट किया और कहा कि पौधारोपण आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित भविष्य की नींव रखता है।

📲 व्हाट्सऐप पर शेयर करें