पंचायत चुनावों में युवाओं की धमक, नई पीढ़ी के नेतृत्व की शुरुआत

इस बार के पंचायत चुनावों में युवाओं की बढ़ती सक्रियता ने एक नई राजनीतिक गतिशीलता को जन्म दिया है, जहाँ न केवल मतदान प्रतिशत में युवाओं की भागीदारी में वृद्धि हुई, बल्कि युवा प्रत्याशियों की जीत की संख्या में भी उल्लेखनीय उछाल देखा गया। ग्रामीण इलाकों में युवा जनप्रतिनिधियों के चयन से एक जवाबदेह और प्रगतिशील राजनीति की संभावना बढ़ी है, जिससे स्थानीय निवासियों को उम्मीद है कि ये नवनिर्वाचित युवा प्रधान, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत सदस्य आधुनिक दृष्टिकोण के साथ गाँवों के विकास को नई गति देंगे और उन्हें समकालीन युग के साथ तालमेल बिठाने में मदद करेंगे। कीर्तिनगर विकासखंड के मढ़ी चौरास क्षेत्र से पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष गढ़वाल विवि कीर्ति नेगी की पत्नी भावना नेगी ने क्षेत्र पंचायत सीट पर जीत दर्ज की है। वहीं, मलेथा गांव के ग्रामीणों ने प्रधान पद पर रश्मि रावत और क्षेत्र पंचायत सीट पर संजय लाल पर भरोसा जताया। गवाना गांव से सुरेश चौहान प्रधान निर्वाचित हुए, जबकि क्षेत्र पंचायत मंजाकोट से अंजली ने जीत हासिल की। वहीं, कीर्तिनगर ब्लाक के 20 ग्राम प्रधान निर्विरोध पहले ही चुने जा चुके थे। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत में नई पीढ़ी की एंट्री से पारदर्शिता और विकास की रफ्तार तेज होने की उम्मीद है।

ग्राम प्रधान की अभिनव पहल

चौकी ग्राम सभा में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए ‘मेरा गांव, मेरा रास्ता, मेरी जिम्मेदारी योजना की शुरुआत की गई। नव-निर्वाचित ग्राम प्रधान बिंदु देवी के नेतृत्व में शुरू किए गए इस अभियान में ग्रामसभा के रास्तों और सार्वजनिक स्थलों की सफाई की गई। अभियान में ग्रामसभा के बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी सक्रिय रूप से शामिल हुए। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर झाड़ू लगाकर, कचरा हटाकर और रास्तों की सफाई कर स्वच्छता का संदेश दिया। प्रधान बिंदु देवी ने बताया कि यह अभियान गांव को स्वच्छ और सुंदर बनाने की दिशा में पहला कदम है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में ग्रामसभा के अन्य हिस्सों में भी सफाई और जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे, ताकि सभी ग्रामीण अपने आस-पास के माहौल को साफ-सुथरा बनाए रखने के प्रति जागरूक हों। ग्रामवासियों ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे गांव की सामूहिक जिम्मेदारी बताया।

चुनाव के बहाने अस्थायी रोजगार का मिला मौका

कीर्तिनगर ब्लाक में पंचायत चुनाव की मतगणना न केवल प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के लिए रोमांचक रही, बल्कि कई स्थानीय युवाओं के लिए रोज़गार का अवसर भी लेकर आई। मतगणना के दौरान तहसील मैदान में बेरोज़गार युवाओं ने फूल मालाओं की अस्थायी दुकानें लगाईं और आईसक्रीम व अन्य खाद्य सामग्री की बिक्री कर अच्छी कमाई की। स्थानीय युवक अभिषेक पड़ियार ने बताया कि चुनाव परिणाम को देखते हुए उन्होंने फूल मालाओं की दुकान लगाई। जीतने वाले प्रत्याशी और उनके समर्थक मौके पर ही मालाएं खरीदते रहे, जिससे उनकी आमदनी में इज़ाफा हुआ। युवाओं का कहना है कि ऐसे आयोजनों के दौरान छोटे-छोटे व्यवसाय के अवसर मिलते हैं, जिनसे स्थानीय स्तर पर आर्थिक मदद मिलती है। मतगणना स्थल पर अस्थायी रूप से लगे इन स्टालों ने यह साबित कर दिया कि अवसर को भुनाने की इच्छा हो, तो रोज़गार के नए रास्ते अपने आप निकल आते हैं।
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